प्रतिभागी विभाजन और सामाजिक न्याय की दिशा में सरकार ने अनेक योजनाओं की शुरुआत की है, जिनमें से एक श्रेणी जाति प्रमाण पत्र है। इस प्रमाण पत्र का महत्व इसलिए बढ़ रहा है।
क्योंकि यह व्यक्ति को उन विशेष सुविधाओं और योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद करता है जो उसकी जाति के आधार पर प्रदान की जाती हैं। इस लेख में, हम जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स के बारे में विस्तार रूप से जानकारी देंगे, ताकि आप इस प्रक्रिया को बहुत आसानी से पूरा कर सकें।
जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए
वह देशवासी जो SC, ST, और OBC वर्ग में आते हैं, वे अब जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए कुछ आवश्यक दस्तावेजों के माध्यम से बना सकते हैं।
- जाती प्रमाणपत्र बनाने का आवेदन फॉर्म
- आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो
- आवेदक के आधार कार्ड
- शैक्षणिक प्रमाण पत्र(मार्कशीट, स्नातक डिग्री)
- माता-पिता का जाती प्रमाणपत्र(यदि है तो)
- शपथ पत्र
- अपने वार्ड/पार्षद या ग्राम प्रधान द्वारा हस्तांतरित आवेदन पत्र
- स्वप्रमाणित घोषणा पत्र
विवाहित महिला के लिए आवश्यक दस्तावेज
- महिला का आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- महिला का निवास प्रमाण पत्र (यदि है तो)
- मायके के जमीन की रसीद/खतियान
- महिला का मैरिज सर्टिफिकेट(यदि है तो)
- महिला के अभिवावकों का आवश्यक प्रमाण पत्र (जैसे पति का आधार कार्ड,पैन कार्ड, वोटर कार्ड)
- मायके के वार्ड/पार्षद या ग्राम प्रधान द्वारा हस्तांतरित आवेदन पत्र
- महिला का स्व प्रमाणित घोषणा पत्र
संबंधित आवश्यक दस्तावेज >>
मैरिज सर्टिफिकेट बनाने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए |
पैन कार्ड बनाने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए |
18 साल से कम उम्र वालों का पैन कार्ड कैसे बनाएं |
FAQ
प्रश्न: जाति प्रमाण पत्र क्या है?
उत्तर: जाति प्रमाण पत्र एक आधिकारिक दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति की जाति की पहचान करने में मदद करता है और उसे सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ उठाने में सहायक होता है।
प्रश्न: जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
उत्तर: ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और वहां दी गई निर्देशों का पालन करना होगा। आवेदन पत्र भरने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करना होगा।
प्रश्न: भारत में जाति प्रमाण पत्र की वैधता क्या है?
अनुसूचित जाति / जनजाति के लिए जारी किए गए जाति प्रमाण-पत्र की मान्यता जीवन भर के लिए है, जबकि OBC के लिए संबंधित प्रमाण-पत्र को केवल एक बार ही जारी किया जाता है। इसके अलावा, क्रिमीलेयर संबंधित तथ्यों के अभाव में 3 वर्ष की विधि सम्मत शपथ-पत्र के आधार पर मान्यता प्राप्त की जाती है।’